आज की यह पोस्ट विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु ओशो के विचारो पर आधारित हैं. इस पोस्ट में आप हैं प्रेम की एक अलग परिभषा क्युकी ओशो ने प्रेम को बड़ी ही गहराई से समझा हैं और प्रेम की खूबसूरती का बहुत अच्छे से बखान किया बताया प्रेम की सादगी और खूबसूरती के बारे.
दोस्तों तो फिर देर कैसी आये पढ़ते हैं ओशो के विचारो को और साथ ही जानते हैं प्रेम क्या हैं? और साथ ही जानते हैं? विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु ओशो द्वारा कहे गए जीवन और दुनिया के प्रति विचारो को.
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सच्चा प्रेम अकेलेपन से बचना नहीं है, सच्चा प्रेम बहता हुआ अकेलापन है. अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बांटना चाहता है.
यह प्यार में ही देखा कमाल, जिसने कुछ खोया उसी ने कुछ पाया
प्यार एक शराब है, आपको उसका स्वाद लेना चाहिए। उसे पीना चाहिए। उसमें पूरी तरह से डूब जाना चाहिए। तभी आपको पता चल पाएगा कि प्यार क्या है।
इस दुनिया में दोस्ती ही सच्चा प्यार है। दोस्ती का भाव प्यार का सर्वोच्च रूप है, जहां कुछ भी मांगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहां बस दिया जाता है।
दोस्ती ही सबसे निर्मल प्यार है। प्यार करने का ये सबसे ऊंचा स्तर है, जहां किसी भी परिस्थिति के लिए किसी से नहीं पूछा जाता, सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे को खुशी दी जाती है।
प्रेम में सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है। सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
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